Bathua Ki Bhaji Khane Ke Fayde Or Nuksan In Hindi: गेहूं की फसल के साथ बथुआ की भाजी भी खेतों में उगती हैं। गेहूं के साथ कुछ खरपतवार उग आते हैं। इन्ही खरपतवारो में बथुआ भी होता हैं। लेकिन हम बथुआ के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए इसे खरपतवार नहीं मानते हैं। बथुआ की भाजी की स्वादिष्ट सब्जी बनाकर खाई जाती है। बथुआ की भाजी एशिया महाद्वीप के अलावा अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में भी पाई जाती है। बथुआ की भाजी को हम बिना स्वास्थ्य लाभ जाने ही तरह-तरह के व्यंजन के रूप में सालों से उपयोग कर रहे हैं। बथुआ की भाजी में सेंधा नमक मिलाकर खाया जाए तो इसके और भी अच्छे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। दर्द्मुक्ति के इस लेख में हम बथुआ की भाजी खाने के फायदे, पोषकतत्व और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेगे.
बथुआ के पौष्टिक तत्व – Bathua Ke Paushtik Tatva (In Hindi)
पौष्टिक तत्वों की बात करें तो बथुआ की भाजी में फाइबर, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन ए, सी, फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए सालो से इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जा रहा हैं। तो चलिए लेख के अगले भाग में बथुआ की भाजी खाने के हमारे शरीर को क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं यह जान लेते हैं-
बथुआ की भाजी खाने के फायदे – Bathua Ki Bhaji Khane Ke Fayde In Hindi
बथुआ की भाजी खाने के फायदे बालो के लिए
यदि आप बालो के स्वास्थ्य को लेकर परेशान है। आपके बाल कमजोर हैं, झड़ते हैं, असमय सफेद होने लगे हैं। ऐसे में बथुआ की सब्जी का नियमित सेवन लाभदायक साबित हो सकता हैं। बथुआ, आंवले से कम फायदेमंद नही हैं। इस भाजी में विटामीन और खनिज तत्व, आंवले से अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। बथुआ में विटामिन ए, फास्फोरस, आयरन, और विटामिन डी भी उच्च मात्रा में होता हैं.
बथुआ की भाजी के खाने के फायदे गैस कब्ज़ में
कब्ज़, गैस, खट्टी डकार आना, पेट फूलना, अच्छे से पाचन न होना जैसी समस्याओं को बथुआ की भाजी के नियमित सेवन से दूर किया जा सकता हैं। बथुआ में फाइबर की अच्छी मात्रा होती हैं, जो इन परेशानियों से निजात पाने में मदद करती हैं। कुछ सप्ताह तक बथुआ की भाजी का सेवन करने से बवासीर की समस्या में राहत मिलती हैं।
मुंह के छाले में की समस्या में राहत दिलाये
अल्सर और दांतों की समस्या में बथुआ की सब्जी खाने का फायदा मिलता हैं। बथुआ के पत्ते को कच्चा चबाकर खाने से मुंह के छाले, मुंह से बदबू आना, पायरिया, दांतो से संबंधित अन्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैं।
बथुआ की भाजी के फायदे पेट के कीड़े के लिए
छोटे बच्चो के पेट मे कीड़े पड़ने की समस्या अक्सर रहती हैं। बथुआ का साग का कुछ दिनों तक बच्चो को सेवन करवाने से उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं और उन्हें बहुत राहत मिलती हैं।
खून की कमी दूर करती हैं यह भाजी
हमारे शरीर में आयरन की कमी होने के कारण एनीमिया रोग होने का खतरा रहता है। बथुआ की भाजी आयरन का एक अच्छा स्त्रोत हैं। इसलिए इसे खाने से हमारे शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती हैं।
बथुआ की भाजी से चर्म रोग दूर होता हैं
बथुआ की भाजी खाने से त्वचा रोगों से बचाव और चर्म रोग दूर करने में मदद मिलती है। बथुआ के पत्ते के उबालकर इस पानी से त्वचा को धोने से त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है। इसकी सब्जी बनाकर खाने से फोड़े फुंसी, दाग धब्बे, खुजली की समस्या दूर होने लगती हैं। बथुआ के रस को तिल के तेल पानी खत्म होने तक धीमी आंच में उबाल लें। अब इस मिश्रण को ठंडा होने पर त्वचा पर लगाएं चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाएगी।
गुर्दे की पथरी में बथुआ की भाजी के फायदेमंद
बथुआ की भाजी के रस का सेवन करने से गुर्दे की पथरी में विशेष फायदा मिलता हैं। इसके रस में शक्कर मिलाकर पीने से पथरी छोटे-2 टुकड़े में टूटकर शरीर से बाहर निकल जाती हैं। इसके अलावा बथुआ की भाजी की सब्जी बनाकर खाने से अमाशय मजबूत और स्वस्थ बनता है।
मासिकधर्म में बथुआ की भाजी के खाने के लाभ
हर महीने महिलाओ को मासिक धर्म के चक्र से गुजरना ही पड़ता हैं. बहुत सी महिलाओ को इस समय कई समस्याओ से जूझना पड़ता हैं. ऐसे समय में बथुआ की भाजी का सेवन लाभप्रद साबित हो सकता हैं. रुके हुए पीरीयड की समस्या में आप बथुआ के बीज को गरम पानी में उबालकर आधा रहने पर छानकर पी ले. इससे इस समस्या में बहुत जल्द राहत मिलती हैं.
मूत्र विकार में खाने का मिलाता है लाभ
पेशाब में जलन, दर्द, रूकावट जैसी दिक्कतों में बथुआ की भाजी बहुत लाभप्रद होती हैं. लगभग आधा किलो बथुआ की भाजी को तीन गिलास पानी में उबाल ले. अच्छे से उबलने के बाद ठंडा कर इसके पानी को छान ले और इसके पत्ते को भी इस पानी में अच्छे से निचोड़ ले. दिन में दो तीन बार नीबू, जीरा, और सेंधा नमक मिलाकर पीने से जल्द राहत मिलती हैं.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं बथुआ का साग
हेल्दी शरीर के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरुरी होता हैं. इम्युनिटी के कमजोर होने से हमारा शरीर आसानी से बीमारियों की चपेट में आ जाता हैं. बथुआ में कई ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. बथुआ की सब्जी में छाछ और सेंधा नमक मिलाकर खाने से फायदा मिलता हैं.
जोड़ो के दर्द में लाभकारी इसका सेवन
सर्दियों में जोड़ो के दर्द और घुटने में दर्द की समस्या अक्सर रहती हैं. बथुआ की भाजी में कुछ ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मददगार होते हैं. इसलिए इस परेशानी से पीड़ित लोगो को इसे अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिये.
बथुआ की भाजी खाने के तरीके – Bathua Ki Bhaji Khane Ke Tarike In Hindi
- इसके पत्तो को आप बारीक काटकर आटे में मिलाकर पराठे बना सकते हो.
- बथुआ की दाल भाजी बनाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं.
- इसके पत्तो को बारीक काटकर बेसन में मिलाकर पकोड़े बनाकर आप खा सकते हैं
- बथुआ के पत्ते का सूप बनाकर आप सेवन कर सकते हैं.
- बथुआ और बेसन के चीले बनाकर आप का सकते हैं.
- इसके पत्ते को आप कच्चा चबाकर भी खा सकते हैं.
- बथुआ का रायता भी खाने में बहुत टेस्टी लगता हैं.
बथुआ की भाजी खाने के नुकसान – Bathua ki Bhaji Khane Ke Nuksan In Hindi
- इस भाजी को खाने का हमें फायदे अधिक और नुकसान कम ही देखने को मिलते हैं। तो चलिए इसे खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं। यह जान लेते हैं-
- बथुआ की भाजी का सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में करना चाहिए। अत्याधिक सेवन करने से पाचन संबंधित समस्या हो सकती हैं।
- गर्भवती महिलाओ को बथुआ की भाजी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात होने का खतरा रहता है।
- बथुआ को हमेशा अच्छे से धोकर ही उपयोग में लेना चाहिए ताकि कोई भी बैक्टिरियल संक्रमण होने का खतरा न रहे।
- बथुआ का सेवन विशेष बीमारियों से पीड़ित मरीजों को डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
दर्द मुक्ति के इस लेख में हमने बथुआ की भाजी खाने के फायदे (Bathua Ki Bhaji Khane Ke Fayde Or Nuksan In Hindi), पोषक तत्त्व और कुछ संभावित नुकसान के बारे में विस्तार से जाना. इसके अलावा हमने बथुआ की भाजी खाने के अलग-2 तरीके के बारे में जाना. उम्मीद करते आपके लिए यह जानकारी उपयोगी साबित होगी. यदि आप चाहते के परिजनों और मित्रो तक भी यह जानकारी पहुंचे तो, इसे शेयर जरुर कीजियेगा.
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