Budhape Me Yaddasht Kamjor Hone Ka Karan Or Bachao: अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई लोगो में याददाश्त के कमजोर होने की समस्या भी बढ़ने लगती हैं. बुढ़ापे के समय बुजुर्गो में आपने कई बातों को और चीजों को रखकर भूल जाने की परेशानी देखी होगी. कई बुजुर्ग तो इस समय कोई निर्णय लेने में भी असमर्थ महसूस करते हैं. इसका कारण डिमेंशिया हैं, जो एक मस्तिष्क से सम्बंधित बीमारी हैं. इस बीमारी के अधिकतर मामले बुढ़ापे में देखने को मिलते हैं. डब्लूएचओ के अनुसार पुरे विश्व में लगभग 5 करोड़ से अधिक लोग याददाश्त के कमजोर होने की बीमारी से पीड़ित हैं. हर साल लगभग 1 करोड़ से अधिक नए मामले डिमेंशिया के सामने आते हैं. दर्द मुक्ति के इस पोस्ट में हम बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने के कारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानेंगे.
बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने का कारण – Budhape Me Yaddasht Kamjor Hone Ka Karan
यदि देखा जाये तो बुढ़ापे में भूलने की बीमारी होने की कई वजह हो सकती हैं, चलिए इसके कुछ मुख्य कारण के बारे में जानते हैं:-
अकेलापन बन सकता है भूलने की बीमारी का कारण
अधिक समय तक अकेला रहने पर मानसिक बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता हैं. ऐसा किसी भी वर्ग के लोगो के साथ हो सकता हैं. लेकिन बुजुर्ग इंसानों को कोई पूछने वाला या बात करने वाला न मिले तो वह याददाश्त कमजोर होने की बीमारी अल्जाइमर की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बड़े बुजुर्गो को लम्बे समय तक अकेला छोड़ना उचित नही होता हैं. ऐसे बुजुर्गो की मदद और हौसला अफजाई कर हम उन्हें अल्जाइमर होने से बचा सकते हैं.
खराब जीवनशेली बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने कारण
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया भर में लगभग 5 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, और हर साल लगभग 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं। इस बीमारी का एक कारण जवानी में खराब लाइफ स्टाइल का पालन करना हैं। अगर आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में आपके साथ यह समस्या न हो तो आपको अभी से अपनी खराब जीवन शैली में बदलाव करना पड़ेगा।
सिर पर कोई गंभीर चोट का लगना की वजह से
यदि आपको कभी सिर पर कभी कोई गंभीर चोट लगी हो तो इस कारण भी आपकी बुढ़ापे के समय आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती हैं. इस स्तिथि में आपको अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखना होता हैं. इस समय तनाव मुक्त और ख़ुशी भरे जीवन जीने की जरुरत होती है, ताकि आपकी मस्तिष्क की तंत्रिकाओ पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़े.
ब्लडप्रेशर बीमारी होने से याददाश्त कमजोर हो सकती हैं
यदि आपको लम्बे समय से ब्लडप्रेशर या रक्त से सम्बंधित कोई बीमारी हैं, तब भी आपको बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने या भूलने की समस्या हो सकती हैं. इसके लिए समय-समय पर आपको डॉक्टर से चेकअप जरुर करवाते रहना चाहिये.
मोटापा या डाईबीटीज की समस्या होने की वजह से
बुढ़ापे में वजन बढ़ना और डाईबीटीज जैसी समस्या होने पर भी याददाश्त कमजोर होने लगती हैं. जवानी के समय उचित खानपान का सेवन न करने और शारीरिक व्यायाम में कमी मोटापे को बढ़ाता हैं. जिस वजह से हमारा शरीर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता हैं.
बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने के अन्य कारण
बुढ़ापे में याददाश्त के कमजोर होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कि धुम्रपान का अधिक सेवन करना, कम पढ़ा लिखा होना, कम सुनाई देना, ज्यादा ड्रिंक का सेवन करना, गंदे स्थान पर लबे टाइम तक रहना, तनाव में रहना और भी कई कारण इस परेशानी का कारण बन सकते हैं.
चलिए अब बुढ़ापे में याददाश्त के कमजोर होने के कारण को जान लेने के बाद इस समस्या से बचने के तरीके भी जान लेते हैं.
बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने से बचाव – Budhape Me Yaddasht Kamjor Hone Se Bachao
नीचे कुछ तरीके बताए गए है, जिन्हें अपनी दैनिक जीवन में शामिल कर आप भूलने की बीमारी की समस्या से बच सकते हैं.
- रोज आप किताबो को पड़ने की आदत डाले, ताकि आपका समय पास हो जाये और आपके मस्तिष्क की कसरत भी हो जाये.
- गलत आदते जैसे शराब, बीड़ी, सिगरेट जैसे नशीले पदार्थो के सेवन करने से बचें, क्योंकि इन पदार्थो के सेवन के नुकसान बहुत बाद में देखने को मिलते हैं.
- भूलने की बीमारी से बचने के लिए ब्लड प्रेशर का कंट्रोल में रहना जरुरी होता हैं, इसलिए बीपी की समय-समय पर जाँच करवाते रहें.
- रोजना शारीरिक कसरत करने से बुढ़ापे में डिमेंशिया होने का खतरा कम हो जाता हैं.
- हरे पत्तेदार सब्जियां और पौष्टिक तत्व युक्त भोजन का सेवन करें, जो याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होते हैं.
- अधिक समय अकेले न बिताये, लोगो से मिलना जुलना करें, घुलमिलकर रहने, बातचीत करने से मानसिक तनाव दूर होता हैं.
- यदि आपको सुनने में कोई परेशानी हैं, तो कान की मशीन का उपयोग करें इससे आपको किसी बात को समझने में परेशानी नही होगी.
बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने की बीमारी होना बहुत बुरा होता हैं. इस बीमारी से पीड़ित मरीज को तो कई समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं, साथ ही मरीज के परिजन भी इससे परेशान हो जाते हैं. यदि आप चाहते है कि बुढ़ापे में आपका जीवन अच्छा बीते ऐसी कोई भी परेशानी न हो तो अभी से अपने जीवन में बदलाव लाना शुरू कर दीजिये. अगर आपको दर्दमुक्ति की यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रो और परिजनों से शेयर जरुर कीजियेगा.